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सावन सोमवार (चौथा) विशेष संयोग का महत्व


सावन सोमवार (चौथा) विशेष संयोग का  महत्व   







आज 24 अगस्त 2015  - सावन के चौथे सोमवार को आयुष्मान योग  बन रहा है जो व्यक्ति की आर्थिक और पारिवारिक समस्याओं का अंत करने वाला साबित हो सकता है। माना जाता है कि इस मास में हर सोमवार को किया जाने वाला शिवपूजन आम दिनों के पूजा की तुलना में 108 गुना अधिक शक्तिशाली एवं प्रभावशाली होता है। सभी श्रद्धालु इस दिन श्रावण सोमवार व्रत करते है और प्रभु शिव की पूजा करते है। 



सोमवार चंद्रमा का दिन होता है। चंद्रमा का निवास शिव के सिर पर होता है। इससे चंद्रमा की पूजा भी शिव भक्तों को स्वतरू प्राप्त हो जाती है। इस बार तो चारों सोमवारी को विशेष योग बन रहा है। श्रवण नक्षत्र तथा सोमवार से भगवान शिव शंकर का गहरा संबंध है। हिंदू पंचाग के अनुसार सभी मासों को किसी किसी देवता के साथ संबंधित देखा जा सकता है, उसी प्रकार श्रवण मास को भगवान शिव जी के साथ देखा जाता है इस समय शिव आराधना का विशेष महत्व होता है। 




यह माह मनोकामना, आकांक्षाओं और मनवांछित फल की पूर्ति का समय होता है। श्रावण मास विशेष रूप से शिव आराधना का मास है। श्रावण को शिव जी से जोड़ कर इसलिए भी देखा जाता है क्योंकि श्रावण में ही वर्षा प्रकृति उत्साह का वातावरण दिखाई देता है। प्राकृतिक सम्पदा बिना मोल के प्रचुर मात्र में उपलब्ध रहती है जो की शिव को अति प्रिय है और भक्त आसानी से इन्हे चढ़ा कर भोले नाथ को प्रसन्न कर सकते हैं। भगवन शिव को अभिषेक करके जल दूध बिल्व पत्र सफेद अकड़ा विशेष रूप से चढ़कर प्रसन्न करना चाहिए।






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