एकलिंगजी
मंदिर
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एकलिंगजी
मंदिर राजस्थान के
उदयपुर जिले में
है जो कि
971 के शुरू में
बनाया गया था
जो कि सीसोदिया
के वंशज मेवाड़
के इष्टदेव एकलिंगजी
प्रभु जो कि शिव के समरूप
हैं । मंदिर
परिसर में 108 मंदिर शामिल हैं ।
जटिल दीवारों, संगमरमर
और ग्रेनाइट और
काले संगमरमर में
भगवान षिव का
एक चार का
सामना करना पड़ा
जिसमें डबल मंजिल
, अलंकृत हाॅल या
एक विषाल पिरामिड
की छत के
नीचे ‘‘मंडप’’ है ।
एकलिंगजी मंदिर राजस्थान के
सबसे प्रसिद्ध मंदिरों
में से एक
है ।
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यह
मंदिर कैलाशपुरी शहर में
स्थित है जो
कि उदयपुर से
22 किलोमीटर की दूरी
पर है ।
इसकी ऊंचाई 50 फीट
पर्वतमाला और उसके
चार चेहरों भगवान शिव के चार
रूपों को दर्षाती
है । पूर्व
का सामना करना
पड़ भाग सूर्य
के रूप में
मान्यता प्राप्त है , पष्चिम
की ओर भाग
भगवान ब्रहमा है,
उत्तर सामना करना
पड़ हिस्सा भगवान
विष्णु और दक्षिण
का सामना करना
पड़ हिस्सा रूद्र
यानि भगवान शिव स्वयं है ।
बहुमुखी प्रतिमा वास्तवितकता के
लिए यंत्र के
रूप में जाना
जाता है ।
एक रजत सांप
ने माल्यार्पण शिवलिंग यहां का प्रमुख
आकर्षण है । गर्भगृह
में चारों दिशाओं में चार दरवाजे
हैं और उन
पर जवाहरात जड़े
हुए हैं तथा
प्रत्येक द्वार पर मूर्ति
के सामने नंदी
बैल प्रतिमा स्थापित
है ।
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नवरात्रि,
चैत्र और अष्विन
के दौरान और
हर षनिवार की
रात और रविवार
को वर्ष के
दौरान श्रद्धालु भक्तों
के संकट दूर
करवाने के लिए
मंदिर में दर्शन यात्रा होती है
।
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