(41) त्रिपुरा सुंदरी शक्तिपीठ
त्रिपुरा सुंदरी शक्तिपीठ अगरतला
के पास मालाबरी एक छोटी पहाड़ी पर स्थित है । यह एक बंगाली हट /झोपड़ी जो वर्गाकार
का गर्भगृह है । नटराज नृत्य मंदिर एक शंक्वाकार गुंबद के साथ एक वर्ग प्रकार
गर्भगृह मिलकर बनता है ।
यहां मां सति के दाहिने पैर यहां गिर गया था । इस मंदिर
का निर्माण महाराजा द्वारा धान्या माणिक्य देबबर्मा 1501 जिसमें एक ही देवता के दो
समान छवियाँ जिसमें त्रिपुरा (5 फुट ऊंची) सुंदरी और त्रिपुरा ( 2 फुट ऊंची)
चोटीमा के रूप में जाना जाता है । माँ काली की मूर्ति ‘‘सोरोसी ’’ के रूप में त्रिपुरा सुंदरी के मंदिर में पूजा
जाता है । एक रंग में लाल काली होती कश्ती पत्थर से बना है ।
यह मंदिर परिसर कुरमा
यानि कछुआ जैसा दिखता है यह दिखता है क्योंकि यह मंदिर भी कुरमा पिठा के रूप में
जाना जाता है । पौराणिक कथाओं के अनुसार यहां माता सती के दाहिने पैर उदयपुर शहर
दक्षिण त्रिपुरा जिले के मुख्यालय के पश्चिमी सरहद पर माताबरी पर गिर गया है ।
मंदिर के इष्टदेव की मूर्ति गर्भगृह में खड़ा है और यह लोकप्रिय कश्तीपत्थर के रूप
में बंगाली में जाना जाता लाल काले पत्थर से बना है । मंदिर के पूर्वी हिस्से (
फूला चावल वहंा मछलियों और विशाल आकार के कछुओं पाए जाते हैं, जहां प्रसिद्ध
कल्याण सागर झील है और भक्तों मुरी के साथ उन्हें खिलाने निर्माण किया गया था ।
दीवाली पर एक प्रसिद्ध मेला भरता है ।
Comments
Post a Comment