(32) नन्दीपुर शक्तिपीठ
नन्दीपुर शक्तिपीठ बीरभूम जिले में
अब मुर्शिदाबाद (सैथया शहर) के नंदीपुर
गांव जो कोलकत्ता पश्चिम बंगाल में स्थित है । मंदिर तिस्ता नदी से पवित्र है ।
यहां मां सती का हार गिर गया था । यह नन्दीकेश्वरी माता के अपने मंदिर के लिए
प्रसिद्ध है । यह शहर नदी कोपिई और मां नन्दीकेश्वरी के लिए प्रसिद्ध है ।
शहर के
मुख्य मंदिर मां नन्दीकेश्वरी के मंदिर का है । देवी कछुआ के आकार में सिंदूर के
साथ लिप्त एक बड़ी चट्टान के रूम में मौजूद हंै । मां एक चांदी मुकुट और तीन सोने
की आंखों से सजी है । विशेष त्यौहार जैसे वैसाखी पूर्णिमा, बुद्ध पूर्णिमा के दिन
पर विशेष अनुष्ठान काली पूजा पर और अमावस्या पर आयोजित की जाती है । और रोजाना मां
को दोपहर में ‘‘ अन्ना भोग ’’ चावल का भोग लगाया जाता है ।
इस मंदिर में नन्देश्वर
रूप भैरव विराजमान हैं । मंदिर परिसर के अन्दर दस-अवतार भगवान विष्णुष् हनुमानजी,
राम-सीता, नवदुर्गा,भगवान शिव और कुछ अधिक के कई अन्य मंदिर हैं । भक्तों उनकी इच्छाओं को पूरा करने के लिए
रंगीन धाग बंाध जहां एक विशाल पवित्र पेड़ है । इन मंदिरों पर कई देवी देवताओं के
आंकड़ों के सुन्दर चित्रों बने हैं ।
भक्त
उनकी इच्छाओं की पूर्ति कराने के लिए लाल और पीले धागे बांधते हैं । इस महान दिव्य
जगह की मुख्य मूर्तियों यहां पूजा की नन्देश्वरी (तिस्ता नदी के तट में
स्थित) के रूप में ‘‘ नंदिनी’’ और भगवान
शिव के रूप में देवी है । पवित्र जगह मां दुर्गा और भगवान शिव को समर्तित है ।
मंदिर के बगल में स्थित है जो भगवान जगन्नाथ मंदिर भी है ।
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