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Ulte Hanuman Mandir, Sanwer, Indore


उलटे हनुमान - सांवेर , इंदौर





भारत की धार्मिक नगरी उज्जैन से केवल 30 किमी दूर स्थित है यह धार्मिक स्थान जहाँ भगवान हनुमान जी की उल्टे रूप में पूजा की जाती है।  यह मंदिर साँवरे नामक स्थान पर स्थापित है इस मंदिर को कई लोग रामायण काल के समय का बताते हैं।  मंदिर में भगवान हनुमान की उलटे मुख वाली सिंदूर से सजी मूर्ति विराजमान है। सांवेर का हनुमान मंदिर हनुमान भक्तों का महत्वपूर्ण स्थान है यहाँ आकर भक्त भगवान के अटूट भक्ति में लीन होकर सभी चिंताओं से मुक्त हो जाते हैं।  यह स्थान ऐसे भक्त का रूप है जो भक्त से भक्ति योग्य हो गया। 


उलटे हनुमान कथा - भगवान हनुमान के सभी मंदिरों में से अलग यह मंदिर अपनी विशेषता के कारण ही सभी का ध्यान अपनी ओर खींचता है।  साँवेर के हनुमान जी के विषय में एक कथा बहुत लोकप्रिय है। कहा जाता है कि जब रामायण काल में  भगवान श्री राम रावण का  युद्ध हो रहा था, तब अहिरावण ने एक चाल चली. उसने रूप बदल कर अपने को राम की सेना में शामिल कर लिया ीजब रात्रि समय सभी लोग सो रहे थे,तब  अहिरावण ने अपनी जादुई शक्ति से श्री राम एवं लक्ष्मण जी को मूर्छित  कर उनका अपहरण कर लिया। वह उन्हें अपने साथ पाताल लोक में ले जाता है। 


जब वानर सेना को इस बात का पता चलता है तो चारों ओर हडकंप मच जाता है।  सभी इस बात से विचलित हो जाते हैं।  इस पर हनुमान जी भगवान राम लक्ष्मण जी की खोज में पाताल लोक पहुँच जाते हैं और वहां पर अहिरावण से युद्ध करके उसका वध  कर देते हैं तथा श्री राम एवं लक्ष्मण जी के प्राँणों की रक्षा करते हैं।  उन्हें पाताल से निकाल कर सुरक्षित बाहर ले आते हैं।  मान्यता है की यही वह स्थान था जहाँ से हनुमान जी पाताल लोक की और गए थे।  उस  समय हनुमान जी के पाँव आकाश की ओर तथा सर धरती की ओर था जिस कारण उनके उल्टे रूप की पूजा की जाती है।


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