माँ
शुलिनी देवी - सोलन (हिमाचल
प्रदेश)
आज
का दिन सोलनवासियो
के लिये बहुत
ही शुभ दिन
माना जाता है।
वैसे तो भक्त
माता के दरबार
में जाते है
लेकिन आज माँ
शुलिनी अपने भक्तो
की खबर लेने
स्वंयम सोलन आयेगी।
माँ शुलिनी सोलन
बाजार से होते
हुये वापस गंज
बाजार स्थित अपनी
बहन माँ दुर्गा
से मिलने जायेगी।
माँ शुलिनी के
सोलन आगमन की
खुशी मे भक्तजन
जगह जगह प्रसाद
बांटते है! माँ
शुलिनी की अपार
कृपा हम सब
पर बनी रहे।
सभी भक्तजनो का
माँ शुलिनी के
मेले मे हार्दिक
अभिनंदन है।. शक्तिस्वरूपा
करुणामयी माँ, हे
जगतधारिणी हमें प्यार
दे , हम दीन
दुखी हम अन्जाने
हे कल्याणमयी माँ हमें
तार दे ।
रूठ न जाना
तुम हमसे , नित
स्तुति तुम्हारी करता हूँ
,
सेवक जान के
रख लेना , ये
विनय माँ आपसे
करता हूँ ।
कुटुम्ब प्रेम तो दिया
ही दिया , माँ
और तुमसे क्या मांगू
, विश्वास की ज्योति
जलाए रखना , नित
मांग सकूं तो
ये मांगू ।
निर्बल को बल
, धनी को धन
ये औषधियाँ तो
तुम्हारी है , मान
बढ़े , अभिमान न
बढ़े क्योंकि ये
सम्पत्ति सिर्फ तुम्हारी है
। हे मात्स्वरूपिणी
जगदम्बा माँ मुझ
दीन की सुन
पुकार ले ।
हर साल की
तरह,
शुलिनी उत्सव में कलाकारों
विभिन्न पौराणिक पात्रों में
कपड़े पहने थे,
जहां वार्षिक परेड
जानकी के साथ
शुरू हुआ। कई
पात्रों अन्य देवताओं
द्वारा पीछा किया
परेड का नेतृत्व
भगवान गणेश के
साथ परेड, सजाया।
परेड हमेशा की
तरह भव्यता था
और साथ ही
बाहरी लोगों के
दिल को मोहित।
के रूप में
अच्छी तरह से
पैदल चलने वालों
और कलाकारों के
जलपान की व्यवस्था
के लिए रास्ते
पर स्थानीय व्यापारी।
स्थानीय लोगों और यहां
तक कि बाहरी
लोगों डोला (देवी
को ले जाने
के लिए एक
सजाया सवारी) परिदृश्य
में प्रवेश किया
जब मां ष्षुलिनी का
आशीर्वाद प्राप्त करने के
लिए रवाना हो
गई। जहां
मंदिर सेय डोला
भक्तों के सैकड़ों
से घिरा हुआ
था। डोला हर
किसी देवी को
देखने के लिए
एक उचित मौका
मिला जहां खड़े
हो जाओ पुराने
बस स्टैंड पर
रोका गया था।
यह भी शुलिनी उत्सव कहा जाता
सोलन मेला एक
राज्य त्योहार है
और हर साल
मनाया जाता है
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