नागमणि
नागमणि
यानी जहरीले नाग
से निकला वो
पत्थर जिसके बारे
में कहा जाता
है कि वो
जिस इंसान के
हाथ लग जाए
उसकी किस्मत बदल
देता है. इस
पत्थर के बारे
में अब से
पहले लोग बस
सुनते और पढ़ते
ही आए थे.
मगर पहली बार
नागमणि का वो
सच जिसे जानने
के लिये लोग
मुंह मांगी कीमत
चुकाने को तैयार
हैं ।
नागमणि
- ऐसी मान्यता है
कि कुछ साँपों
के सिर पर
मणि होती है।
मणि बहुत ही
अमूल्य और नीले
रंग की मानी
गई है। इस
मणि के कई
चमत्कार हैं। मणि
का होना उसी
तरह है जिस
तरह की अलाउद्दीन
के चिराग का
होना। भारतीय पौराणिक
और लोक कथाओं
के अनुसार नागमणि
को भगवान शेषनाग
धारण करते हैं। नागमणि
सिर्फ नागों के
पास ही होती
है।
नाग इसे
अपने पास इसलिए
रखते हैं ताकि
उसकी रोशनी के
आसपास इकट्ठे हो
गए कीड़े-मकोड़ों
को वह खाता
रहे। हालांकि इसके
अलावा भी नागों
द्वारा मणि को
रखने के और
भी कारण हैं।
नागमणि का रहस्य
आज भी अनसुलझा
हुआ है। ऐसे
नाग भी हैं
जिसके सिर पर
मणि पायी गई
है। हालांकि पुराणों
में मणिधर नाग
के कई किस्से
हैं। भगवान कृष्ण
का भी इसी
तरह के एक
नाग से सामना
हुआ था। साहित्य
और लोककथाओं में
नाग,
नागमणि और
नागकन्या की कथाएं
मिलती हैं। मनुज
नागमणि के माध्यम
से जल में
उतरते हैं। नागमणि
की यह विशेषता
है कि जल
उसे मार्ग देता
है। इसके बाद
साहसी मनुज महल
में प्रस्थित होकर
नाग को परास्त
कर नागकन्या प्राप्त
करता है। नागमणि
के चमत्कार - नागमणि
जिसके भी पास
होती है उसकी
किस्मत बदल जाती
है। कहते हैं
कि नागमणि में
अलौकिक शक्तियां होती हैं।
उसकी चमक के
आगे हीरा भी
फीका पड़ जाता
है।
मान्यता अनुसार
नागमणि जिसके भी पास
होती है उसमें
भी अलौकिक शक्तियां
आ जाती हैं
और वह आदमी
भी दौलतमंद हो
जाता । धर्मानुसार
नाग - हिंदू धर्म
अनुसार शिव ने
साँप को अपने
गले में रखकर
और विष्णु ने
शेष-शयन करके
नाग के महत्व
को दर्शाया है।
जैन धर्म में
भी पार्श्वनाथ को
शेष नाग पर
बैठा हुआ दर्शाया
गया है। श्रीकृष्ण ने यमुना
को कालिया नाग
से मुक्त और
शुद्ध किया था।
गीता में भगवान
कृष्ण कहते हैं
कि नागों में
अनंत (शेष नाग)
हूँ। पुराणों अनुसार
ऐसा विश्वास है
कि हमारी धरती
शेषनाग के फनों
के ऊपर टिकी
हुई है। इच्छानधारी नाग होते
हैं, जो रूप
बदल सकते हैं।
नाग-नागिन बदला
लेते हैं।
कुछ दुर्लभ
नागों के सिर
पर मणि होती
हैं। नागों की
स्मरण शक्ति तेज
होती है। सौ
वर्ष की उम्र
पूरी करने के
बाद नागों में
उड़ने की शक्ति
हासिल हो जाती
है। सौ वर्ष
की उम्र के
बाद नागों में
दाढ़ी-मूँछ निकल
आती है। नाग किसी
के भी शरीर
में आ सकते
हैं। नाग लोक
होता है जहाँ
नागमानव रहते हैं। नाग
प्रजाति का अजगर
दूर से ही
किसी को अपनी
नाक से खींचने
की ताकत रखता
है।
नाग
खुद का बिल
नहीं बनाता, वह
चूहों के बिल
में रहता है। नाग
जमीन के अंदर
गढ़े धन की
रक्षा करता है।
इसे नाग चैकी
कहा जाता है। नागों
में मनुष्य को
सम्मोहित कर देने
की शक्ति होती
है। नाग
संगीत सुनकर झूमने
लगते हैं। नाग को
मारना या नागों
की लड़ाई देखना
पाप है। नाग
की केंचुल दरवाजे
के ऊपर रखने
से घर को
नजर नहीं लगती। बड़े
साँप, नाग आदि
शिव का अवतार
माने जाते हैं। कुछ
नाग पाँव वाले
होते हैं...आदि।
इच्छाधरी नाग
कितने रूप बदल
सकते हैं? क्या
किसी सिद्धि के
द्वारा इच्छाधरी सांप को
गुलाम बनाया जा
सकता है?क्या
विषकन्याएँ सचमुच सॉपों से
भी जहरीला होती
हैं?
नागमणि के
द्वारा कौन-कौन
से चमत्कार सम्भव
हैं?सबसे जहरीला
साँप कौन सा
होता है?साँप
काटने पर कौन
सा मंत्र प्रयोग
में लाया जाता
है?क्या साँप
के जहर को
चूसने वाली कोई
जड़ी भारत में
पाई जाती है?क्या साँप
अपनी आँखों में
कातिल की फोटो
कैद कर लेता
है?क्या मंत्र
द्वारा सांपों के जहर
का इलाज संभव
है?क्या नागमणि
मुंह में रखकर
पैदल चलकर समुंद्र
पार किया जा
सकता है? कहा
जाता है की
नागमणि धारण करने
वाला व्यक्ति सागर
को पैदल चलकर
पार कर सकता
है. पानी को
चीरते हुए पाताल
तक जा सकता
है. जिसे नागलोक
भी कहते हैं
। मणियों के
चमत्कार से हम
सब अचम्भे रह
जाएंगे।
वेद, रामायण,
महाभारत और पुराणों
में कई तरह
की चमत्कारिक मणियों
का जिक्र मिलता
है। यह भद्रेवाह
का सबसे पुराना
मंदिर है जो
11 वीं सदी में
बना था। वासुकी
का अर्थ संस्कृत
में होता है
- नाग। हिंदू धर्म की
पौराणिक कथाओं के अनुसार,
वासुकी नागों के राजा
हुआ करते थे
जिनके माथे पर
नागमणि लगी थी।
कुछ दैवी साँपों
के मस्तिष्क पर
मणि होती है।
मणि अमूल्य होती
है।
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