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SASIVE KALU GANESH - HAMPI - Karnataka

.सासिवेकालु  गणेश  - कर्नाटक




विशाल .अखंड गणेश प्रतिमा स्थानीय स्तर पर सासिवकालु गणेश (सरसों के बीज) गणेश कहा जाता है यह दक्षिणी पहाड़ी जो कि हिमाकुटा हिल कहलाती है पर स्थित है हिंदू पौराणिक कथाओं  के अनुसार भगवान गणेश में अपने भोजन की आदत के लिए कुख्यात हैं

एक दिन उन्होंने इतना भोजन किया की पेट फूल गया फिर उन्होनंे एक साँप पकड़ा और पेट के फूटने से बचने के लिए उसे बेल्ट की तरह अपने पेट पर बांध लिया इस प्रतिमा पर आपको साँप उनके पेट के आसपास खुदी हुई देख सकते हैं यह अखंड मूर्ति 2.4 मीटर (8 फीट) ऊंची है  

एक खुले मण्डप पर चारो तरफ मंदिर का निर्माण किया गया यह मंडप 1506 . में चंद्रगिरी से एक व्यापारी द्वारा बनाया गया था तथा शिलालेख पर नरसिंह द्वितीय (1491-1505 .) राजा विजयनगर लिखा है .कर्नाटक राज्य के तुंगभद्रा के किनारे पर स्थित (विष्व विरासत स्थल) हम्पी है जो कि भारत में 700 साल पहले वास्तुकला और कला चमत्कार से भरा विजयनगर साम्राज्य के गौरवषाली राजधानी थी


.सासिवेकालु गणेश उत्तर दिशा  की ओर मुंह किए एक विशाल मूर्ति है मंदिर की वास्तविक सुंदरता अपनी प्रभावषाली और आकर्षक स्तंभों में निहित है बारीक नक्काषी जिसमें स्तंभों में से एक वह माखन और स्नान करती महिलाओं के कपड़े चोरी है जिसमें शरारती कृष्ण की गतिविधियों को दर्षाने वाली नक्काषी है इस विशाल अखंड गणेश प्रतिमा के एक हाथ में एक मोदक देखा जा सकता है





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