अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2017- 21 जून 2017
योग हमारी भारतीय संस्कृति की प्राचीनतम पहचान है। योग धर्म, आस्था और अंधविश्वास से परे एक सीधा विज्ञान है । जीवन जीने की एक कला है योग। योग शब्द के दो अर्थ हैं और दोनों ही महत्वपूर्ण हैं। दुःख-सुख, लाभ-अलाभ, शत्रु-मित्र, शीत और उष्ण आदि द्वन्दों में सर्वत्र समभाव रखना योग है। योग में ऐसे अनेक आसन हैं जिनको जीवन में अपनाने से कई बीमारियां समाप्त हो जाती हैं और खतरनाक बीमारियों का असर भी कम हो जाता है।
कुछ मिनट का ही प्रयोग यदि योग में उपयोग करते हैं तो अपनी सेहत को हम चुस्त-दुरुस्त रख सकते हैं। फिट रहने के साथ ही योग हमें पॉजिटिव एर्नजी भी देता है। योग से शरीर में रोग प्रतिरोध क्षमता का विकास होता है। योग हमारे लिये हर तरह से आवश्यक है। यह हमारे शारीरिक, मानसिक और आत्मिक स्वास्थ्य के लिये लाभदायक है।
योग के माध्यम से आत्मिक संतुष्टि, शांति और ऊर्जावान चेतना की अनुभूति प्राप्त होती है, जिससे हमारा जीवन तनाव मुक्त तथा हर दिन सकारात्मक ऊर्जा के साथ आगे बढता है। हमारे देश की ऋषि परंपरा योग को आज विश्व भी अपना रहा है। 21 जून 2017 तीसरा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (विश्व योग दिवस) थीम- स्वास्थ्य के लिए योग
हमारे आस-पास ऐसे अनेक कारण विद्यमान हैं जो तनाव, थकान तथा चिड़चिड़ाहट को जन्म देते हैं, जिससे हमारी जिंदगी अस्त-व्यस्त हो जाती है। ऐसे में जिंदगी को स्वस्थ तथा ऊर्जावान बनाये रखने के लिये योग एक ऐसी रामबाण दवा है 21 जून साल का सबसे लंबा दिन होता है। योग भी इंसान को लंबा और स्वस्थ जीवन देता है इसलिए इसी दिन को योग दिवस के तौर पर चुना गया।
bohot hi acha nibandh hai yh mere liye bohot laabhdayak saabit hui maine isi nibandh ke sahare ek nibandh likha hai jo mai chaahti hu ki aap sabhi padhe very helpfull article on yog its a necessary thing for every one so have written an Essay on Yog Diwash in Hindi so please share it.
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