कछुआ
- आध्यात्मिक महत्व
देवालय
में हमें कई
देवताओं की मूर्ति
के सामने स्थापित
पत्थर या धातु
से बने एक
कछुआ की एक
मूर्ति दिखती है ।
ऐसे मंदिर में
देवता के दर्षन
का अधिकतम लाभ
लेने के लिए
हमें इस तरह
खड़ा होना चाहिए
की देवता की
मूर्ति और कछुआ
की मूर्ति एक
काल्पनिक रेखा में
हो दोनों के
बीच कभी भी
खड़े न हों
एक बैठें ।
कछुआ वास्तु में
और फेंगषुई में
दोनों में अपना
महत्व रखता है
। भारतीय मंदिरों
में शिवलिंग के
सामने जमीन पर
कछुआ मूर्ति देखी
जा सकती है
। कछुआ की
दीर्ध आयु होती
है इसलिए इसे
वास्तु में लंबे
जीवन को दर्शाता है । कछुआ
मिटटी, धातु या
लकड़ी का बना
कर घर पर
रखा जा सकता
है । मिटटी
से बने कछुए
को उत्तर पूर्व,
कंेद्र या दक्षिण पश्चिम में रखना
चाहिए । धातुओं
से बने कछुए
को उत्तर पश्चिम और उत्तर पश्चिम में रखा जाता
है । क्रिस्टल
से बने कछुए
की मूर्ति को पश्चिम दक्षिण या उत्तर पश्चिम में रखा
जाता है ।
लकड़ी से बने
कछुए की मूर्ति
को पूर्व या
दक्षिण पूर्व में रखा
जाना चाहिए ।
लक्ष्मी कछुआ यंत्र
की पूजा से
धन प्राप्त होता
है यह यंत्र
सामान्य स्वास्थ्य, धन, समृद्धि
और जीवन में
सफलता का वरदान
देता है ।
कछुआ वैदिक संस्कृति
और हिन्दू धर्म
में एक विषेष
महत्व रखता है
। कछुओं का
जीवन काल 100 सालों
से अधिक आंका
गया है ।
कछुए के खोल
पर स्वर्ग और
पृथ्वी के
चिन्हों का पाया
जाना कहा जाता
है । कछुआ
दीर्घायु, स्थिरता, स्थिरता, अच्छा
भाग्य, समर्थन और संरक्षण
देने का सबसे
बड़ा संकेत है
। सात धातुओं
से बना कछुआ
अच्छे और शीघ्र परिणाम देता है
। अच्छे स्वास्थ्य,
धन समृद्धि और
जीवन में सफलता
के लिए लक्ष्मी
कछुआ बहुत उपयोगी
है
क्रिस्टल
कछुआ हमारे आसपास
से नकारात्मक ऊर्जा
को दूर करने
में मदद करता
है । यह
एकाग्रता बढ़ाता है आप
अपने अध्ययन की
मेज पर क्रिस्टल
कछुआ रख सकते
हैं । यह
आपके कैरियन में
वृद्धि करता है
। यदि आप
अनिद्रा से पीड़ित
हैं तो इसे
सिर के पास
रख कर सोयें
। अपने मंदिर
में पीले कपड़े
पर क्रिस्टल
कछुआ रखें ।
धन के अच्छे
प्रवाह के लिए
नकदी लाॅकर में
क्रिस्टल कछुआ रखें
। क्रिस्टल
कछुआ वातावरण को
हारमोनाइज करके संतुलन
बनाता है तथा
तनाव दूर करता
है । क्रिस्टल
कछुआ आप के
लिए गुडलक लाता
है । सकारात्मक
ऊर्जा के लिए
सही दिषा में
रखें फेंगषुई कछुआ
।
कछुआ
कुलदेवता - खजाना, मार्ग दर्शन
कछुआ
भावना {पशु ऊर्जा
- शांति ध्यान
कछुआ
पषु जादू - दृष्टि,
भविष्यवाणी, अभिव्यक्ति
कछुआ
4 आध्यात्मिक संपन्न प्राणियों में
से एक है
। यह शक्ति दीर्घायु और धीरज
के प्रतीक के
रूप में कार्य
करता है ।
यह ब्रहमांड का
प्रतीक है ।
कछुआ प्राचीन काल
से दोनों भोजन
और दवा के
रूप में इस्तेमाल
किया जाता रहा
है । चीनी
भोजन में इसको
षामिल किया गया
है । कछुआ
खोल एक औषधीय
एजेंट के रूप
में यिन और
रक्त पोषण में
उपयोग होता है
। कछुआ का
मांस प्रोटीन का
एक अच्छा स्त्रोत
हो गया है
। हालांकि कछुआ
खोल, कैल्षियम और
प्रोटीन के पोषण
घटक प्रदान करता
है ।
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