गुरुद्वारा गुरु गोबिंद सिंह जी, मंडी (हिमाचल प्रदेश)
गुरुद्वारा गुरु गोबिंद सिंह जी समुद्र स्तर से 2000 फीट की
ऊंचाई पर मंडी (हिमाचल प्रदेश) में है । मंडी के राजा सिद्ध सेन ने गुरू गोबिंद
सिंह जी को रहने के लिए अपने महल में आमंत्रित किया था पर गुरू जी ने नदी के तट पर
ही रहना पसंद किया और नदी के अंदर एक बड़ी चटटान पर गुरू जीे ने अपना दरबार सजाया ।
आज वहां एक सुंदर गुरुद्वारा स्थल पर
बनाया गया है।
गुरु की कुछ पवित्र अवशेष गुरुद्वारा में संरक्षित किया गया है। वे
एक खाट और एक राइफल शामिल हैं। गुरुद्वारा
पाडल साहिब - एक ही नाम के एक पहाड़ी राज्य की मंडी पूर्व राजधानी, अब
हिमाचल प्रदेश में एक जिला शहर है। गुरु शहर के बाहर अपने शिविर में खड़ा किया,
वहीं गुरु गोबिंद सिंह एक बार अपने घर की महिलाओं के शासक के महल में ठहराया गया,
अपने शासक सिध्द सेन के निमंत्रण पर मंडी का दौरा किया।
दो धार्मिक स्थलों, यहां
महल और गुरु के शिविर के स्थल पर एक दूसरे के अंदर स्थापित किए गए थे। भीतरी
श्राइन तत्कालीन शासक परिवार द्वारा बनाए रखा है। व्यास नदी के तट के पास एक दूसरे
के गुरुद्वारा पाडल साहिब कहा जाता है। यह सरदार लहना सिंह मजीठिया, महाराजा रणजीत
सिंह के तहत इस क्षेत्र के राज्यपाल द्वारा भलविकाले में एक भूमि अनुदान के साथ संपन्न किया गया था। इसके निर्माण में
1926, सरदार दीना नाथ, मंडी राज्य के मुख्य सचिव से खंगाला गया था ।
गुरुद्वारा
गुरु गोबिंद सिंह साहिब मंडी टाउन में स्थित है। यह मंडी-कुल्लू पर राष्ट्रीय
राजमार्ग 21 पर स्थित है। गुरु गोबिंद सिंह साहिब यहाँ अपना तम्बू खड़ा रुके मंडी
शासक राजा सिद्ध सेन गुरु गोबिंद सिंह साहिब से निमंत्रण पर इस जगह के लिए आया था
और माता जी के शासकों पैलेस में समायोजित किया गया। इनर जगह शासकों परिवार द्वारा
रख-रखाव किया जाता है। गुरु गोबिंद सिंह साहिब 6 महीने 19 दिन के लिए यहां रुके
थे।
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