सिंहस्थ - 2016 1. समुद्रमंथन 14 रत्नों का महत्व भगवान विष्णु त्रिकालदर्शी जिन्होंने देवताओं के कल्याण का उपाय समुद्रमंथन बताया और कहा कि क्षीरसागर के गर्भ में अनेक दिव्य पदार्थों के साथ - साथ अमृत भी छिपा है। उसे पीने वाले के सामने मृत्यु भी पराजित हो जाती है। इसके लिए तुम्हें समुद्र मंथन करना होगा। यह कार्य अत्यंत दुष्कर है , अतः इस कार्य में दैत्यों से सहायता लो। कूटनीति भी यही कहती है कि आवश्यकता पड़ने पर शत्रुओं को भी मित्र बना लेना चाहिए। तत्पश्चात अमृत पीकर अमर हो जाओ। तब दुष्ट दैत्य भी तुम्हारा अहित नहीं कर सकेंगे। देवगण ! वे जो शर्त रखें , उसे स्वाकीर कर लें। यह बात याद रखें कि शांति से सभी कार्य बन जाते हैं , क्रोध करने से कुछ नहीं होता। ’’ भगवान विष्णु के परामर्श के अनुसार इन्द्रादि देवगण दैत्यराज बलि के पास संधि का प्रस्ताव लेकर गए और उन्हें अमृत के बारे में बताकर समुद्र मंथन के लिए तैयार कर लिया। समुद्र मं...