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विश्व कैंसर दिवस 2016



 विश्व कैंसर दिवस 2016



कैंसर - जब शरीर की असामान्य कोशिकाएं बिना किसी नियंत्रण के विभाजित होती हैं और वे अन्य ऊतकों पर आक्रमण करने में सक्षम होती हैं। कैंसर की कोशिकाओं रक्त और लसीका प्रणाली के माध्यम से शरीर के अन्य भागों में फैल सकती हैं। कैंसर एक किस्म की बीमारी नहीं होती, बल्कि यह कई रूप में होता है। कैंसर के 100 से अधिक प्रकार होते हैं। अधिकतर कैंसरों के नाम उस अंग या कोशिकाओं के नाम पर रखे जाते हैं जिनमें वे शुरू होते हैं- उदाहरण के लिए, बृहदान्त्र में शुरू होने वाला कैंसर पेट का कैंसर कहा जाता है, कैंसर जो कि त्वचा की बेसल कोशिकाओं में शुरू होता है बेसल सेल कार्सिनोमा कहा जाता है।



 कार्सिनोमा ऐसा कैंसर जो कि त्वचा में या उन ऊतकों में उत्पन्न होता है, जो आंतरिक अंगों के स्तर या आवरण बनाते हैं। सारकोमा ऐसा कैंसर जो कि हड्डी, उपास्थि, वसा, मांसपेशियों, रक्त वाहिकाओं या अन्य संयोजी ऊतक या सहायक में शुरू होता है। ल्युकेमिया कैंसर जो कि रक्त बनाने वाले अस्थि मज्जा जैसे ऊतकों में शुरू होता है और असामान्य रक्त कोशिकाओं की भारी मात्रा में उत्पादन और रक्त में प्रवेश का कारण बनता है। लिंफोमा और माएलोमा ऐसा कैंसर जो कि प्रतिरक्षा प्रणाली की कोशिकाओं में शुरू होता है। शरीर कई प्रकार की कोशिकाओं से बना होता है। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए ये कोशिकाओं वृद्धि करती हैं और नियंत्रित रूप से विभाजित होती हैं। कोशिकाएं जब पुरानी या क्षतिग्रस्त हो जाती हैं, तो वे मर जाती हैं और उनके स्थान पर नई कोशिकाएं जाती हैं। 



कैंसर की चिकित्सा में शल्य चिकित्सा, रेडिएशन थेरेपी, किमोथेरेपी, जीवाणु थेरेपी तथा जैविक थेरेपी शामिल हैं। कैंसर की स्थिति के प्रकार के आधार पर डॉक्टर एक या संयुक्त प्रक्रिया अपना सकता है। बीमारी कितनी फैल चुकी है, रोगी की आयु तथा सामान्य स्वास्थ्य एवं अन्य तत्वों को भी ध्यान में रखना होता है। कैन्सर किसी भी उम्र में हो सकता है। परन्तु यदि रोग का निदान उपचार प्रारम्भिक अवस्थाओं में किया जावें तो इस रोग का पूर्ण उपचार संभव है। कैन्सर का सर्वोतम उपचार बचाव है। यदि मनुष्य अपनी जीवन-शैली में कुछ परिवर्तन करने को तैयार हो तो 60 प्रतशित मामलो में कैन्संर होने से पूर्णतः रोका जा सकता है। भारत में कैंसर से मरने वाले व्यक्तियों में 34 प्रतिशत लोग धूम्रपान, तम्बाकू के सेवन करने वाले होते हैं।


 
कैंसर के लक्षणः- शरीर में किसी भी अंग में घाव या नासूर, जो भरे लम्बे समय से शरीर के किसी भी अंग में दर्दरहित गॉंठ या सूजन। स्तनों में गॉंठ होना या रिसाव होना मल, मूत्र, उल्टीा और थूंक में खून आना। आवाज में बदलाव, निगलने में दिक्कत, मल-मूत्र की सामान्य आदत में परिवर्तन, लम्बे  समय तक लगातार खॉंसी। पहले से बनी गॉंठ, मस्सों  तिल का अचानक तेजी से बढना और रंग में परिवर्तन या पुरानी गॉंठ के आस-पास नयी गांठो का उभरना। बिना कारण वजन घटना, कमजोरी आना या खून की कमी। औरतों में- स्तन में गॉंठ, योनी से अस्वानभाविक खून बहना, दो माहवारियों के बीच यौन सम्बसन्धों  के तुरन्तक बाद तथा 40-45 वर्ष की उर्म में महावारी बन्दं हो जाने के बाद खून बहना।


 
कैन्सर होने के  कारण - धूम्रपान-सिगरेट या बीडी,  के सेवन से मुंह,  गले,  फेंफडे, पेट और मूत्राशय का कैंसर होता है।          तम्बााकू, पान, सुपारी, पान मसालों, एवं गुटकों के सेवन से मुंह,  जीभ खाने की नली,  पेट,  गले,  गुर्दे और अग्नाकशय (पेनक्रियाज) का कैन्सर होता है।  शराब के सेवन से श्वांसस नली, भोजन नली, और तालु में कैंसर होता है। धीमी आचॅं धूंए मे पका भोजन (स्मोोक्डो) और अधिक नमक लगा कर संरक्षित भोजन, तले हुए भोजन और कम प्राकृतिक रेशों वाला भोजन(रिफाइन्डत) सेवन करने से बडी आंतो का कैन्सर होता है। 



 कुछ रसायन और दवाईयों से पेट, यकृत(लीवर) मूत्राशय के कैंसर होता है। लगातार और बार-बार घाव पैदा करने वाली परिस्थितियों से त्वसचा,  जीभ,  होंठ,  गुर्दे,  पित्ताअशय,  मुत्राशय का कैन्सैर होता है। कम उम्र में यौन सम्बन्ध, और अनेक पुरूषों से यौन सम्बन्ध  द्वारा बच्चेमदानी के मुंह का कैंसर होता है। पुरूषः- मूंह, गला, फेंफडे, भोजन नली, पेट और पुरूष ग्रन्थि (प्रोस्टेकट), महिलाः- बच्चेादानी का मुंह, स्तन, मुंह, गला, ओवरी


विश्व कैंसर दिवस पूरी दुनिया को वैश्विक कैंसर महामारी के खिलाफ लड़ाई में एक साथ एकजुट करना जिसके लिए  4 फरवरी को हर साल विष्व कैंसर दिवस मनाया जाता है
विश्व कैंसर दिवस के कैंसर के बारे में जागरूकता और शिक्षा को ऊपर उठाने, और बीमारी के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए दुनिया भर में सरकारों और व्यक्तियों को बताकर हर साल लाखों लोगों को मौंत से बचाने का प्रयास करना है।



कैंसर के प्रतीकों का उपयोग - कैंसर के खिलाफ लड़ाई को बढ़ावा देने में मदद करने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं कि विभिन्न प्रतीकों में - नारंगी रिबन बच्चे को कैंसर जागरूकता के साथ जुड़ा हुआ है, जबकि उदाहरण के लिए, गुलाबी रिबन, स्तन कैंसर के बारे में जागरूकता की एक वैश्विक प्रतीक है। अमेरिकन कैंसर सोसायटी का कैंसर अब एक प्रतीक के रूप हलका पीला रिबन है। कैंसर के खिलाफ लड़ाई पर ध्यान केंद्रित करने के लिए  टेलीविजन, रेडियो, ऑनलाइन और समाचार पत्रों के विज्ञापनों का उपयोग किया जा रहा है।



 
विश्व कैंसर दिवस पर कैंसर का पता लगाने तथा इसको इलाज से  रोकने के लिए लोगों की जागरूकता बढ़ाने में मदद करना है । कैंसर के प्रति जागरूकता और इसकी रोकथाम के लिए  गैर सरकारी संगठनों के नियंत्रण के उपायों की नीतियों की विविधता शिविरों, जागरूकता कार्यक्रमों, रैलियों, व्याख्यान, सेमिनार का आयोजन किया जाता है    
विश्व कैंसर दिवस पर बच्चों को एक धूम्रपान मुक्त वातावरण देने और स्वस्थ आहार और व्यायाम के लिए प्रोत्साहित करने को शामिल किया है।



 

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