God Shiv 108 Names with their meaning (2016)
1. शिव – कल्याण स्वरूप, 2. महेश्वर – माया के अधीश्वर, 3. शम्भू – आनंद स्स्वरूप वाले
4. पिनाकी – पिनाक धनुष धारण करने वाले, 5. शशिशेखर – सिर पर चंद्रमा धारण करने वाले
6. वामदेव – अत्यंत सुंदर स्वरूप वाले, 7. विरूपाक्ष – भौंडी आँख वाले, 8. कपर्दी – जटाजूट धारण करने वाले
9. नीललोहित – नीले और लाल रंग वाले, 10. शंकर – सबका कल्याण करने वाले,
6. वामदेव – अत्यंत सुंदर स्वरूप वाले, 7. विरूपाक्ष – भौंडी आँख वाले, 8. कपर्दी – जटाजूट धारण करने वाले
9. नीललोहित – नीले और लाल रंग वाले, 10. शंकर – सबका कल्याण करने वाले,
11. शूलपाणी – हाथ में त्रिशूल धारण करने वाले, 12. खटवांगी – खटिया का एक पाया रखने वाले
13. विष्णुवल्लभ – भगवान विष्णु के अतिप्रेमी, 14. शिपिविष्ट – सितुहा में प्रवेश करने वाले
13. विष्णुवल्लभ – भगवान विष्णु के अतिप्रेमी, 14. शिपिविष्ट – सितुहा में प्रवेश करने वाले
15. अंबिकानाथ – भगवति के पति, 16. श्रीकण्ठ – सुंदर कण्ठ वाले, 17. भक्तवत्सल – भक्तों को अत्यंत स्नेह करने वाले
18. भव – संसार के रूप में प्रकट होने वाले, 19. शर्व – कष्टों को नष्ट करने वाले, 20. त्रिलोकेश – तीनों लोकों के स्वामी
21. शितिकण्ठ – सफेद कण्ठ वाले, 2. शिवाप्रिय – पार्वती के प्रिय, 23. उग्र – अत्यंत उग्र रूप वाले
24. कपाली – कपाल धारण करने वाले, 25. कामारी – कामदेव के शत्रु, 26. अंधकारसुरसूदन – अंधक दैत्य को मारने वाले
27. गंगाधर – गंगा जी को धारण करने वाले, 28. ललाटाक्ष – ललाट में आँख वाले, 29. कालकाल – काल के भी काल
30. कृपानिधि – करूणा की खान, 31. भीम – भयंकर रूप वाले, 32. परशुहस्त – हाथ में फरसा धारण करने वाले
33. मृगपाणी – हाथ में हिरण धारण करने वाले, 34. जटाधर – जटा रखने वाले, 35. कैलाशवासी – कैलाश के निवासी
36. कवची – कवच धारण करने वाले , 37. कठोर – अत्यन्त मजबूत देह वाले, 38. त्रिपुरांतक – त्रिपुरासुर को मारने वाले
39. वृषांक – बैल के चिह्न वाली झंडा वाले, 40. वृषभारूढ़ – बैल की सवारी वाले,
41. भस्मोद्धूलितविग्रह – सारे शरीर में भस्म लगाने वाले, 42. सामप्रिय – सामगान से प्रेम करने वाले
43. स्वरमयी – सातों स्वरों में निवास करने वाले, 44. त्रयीमूर्ति – वेदरूपी विग्रह करने वाले
45. अनीश्वर – जिसका और कोई मालिक नहीं है, 6. सर्वज्ञ – सब कुछ जानने वाले, 47. परमात्मा – सबका अपना आपा
48. सोमसूर्याग्निलोचन – चंद्र, सूर्य और अग्निरूपी आँख वाले, 49. हवि – आहूति रूपी द्रव्य वाले
50. यज्ञमय – यज्ञस्वरूप वाले, 51. सोम – उमा के सहित रूप वाले, 52. पंचवक्त्र – पांच मुख वाले
53. सदाशिव – नित्य कल्याण रूप वाले, 54. विश्वेश्वर – सारे विश्व के ईश्वर,
43. स्वरमयी – सातों स्वरों में निवास करने वाले, 44. त्रयीमूर्ति – वेदरूपी विग्रह करने वाले
45. अनीश्वर – जिसका और कोई मालिक नहीं है, 6. सर्वज्ञ – सब कुछ जानने वाले, 47. परमात्मा – सबका अपना आपा
48. सोमसूर्याग्निलोचन – चंद्र, सूर्य और अग्निरूपी आँख वाले, 49. हवि – आहूति रूपी द्रव्य वाले
50. यज्ञमय – यज्ञस्वरूप वाले, 51. सोम – उमा के सहित रूप वाले, 52. पंचवक्त्र – पांच मुख वाले
53. सदाशिव – नित्य कल्याण रूप वाले, 54. विश्वेश्वर – सारे विश्व के ईश्वर,
55. वीरभद्र – बहादुर होते हुए भी शांत रूप वाले, 56. गणनाथ – गणों के स्वामी,
57. प्रजापति – प्रजाओं का पालन करने वाले, 58. हिरण्यरेता – स्वर्ण तेज वाले, 59. दुर्धुर्ष – किसी से नहीं दबने वाले
60. गिरीश – पहाड़ों के मालिक, 61. गिरिश – कैलाश पर्वत पर सोने वाले, 2. अनघ – पापरहित
63. भुजंगभूषण – साँप के आभूषण वाले, 64. भर्ग – पापों को भूंज देने वाले
65. गिरिधन्वा – मेरू पर्वत को धनुष बनाने वाले, 66. गिरिप्रिय – पर्वत प्रेमी , 67. कृत्तिवासा – गजचर्म पहनने वाले
68. पुराराति – पुरों का नाश करने वाले, 69. भगवान् – सर्वसमर्थ षड्ऐश्वर्य संपन्न,
60. गिरीश – पहाड़ों के मालिक, 61. गिरिश – कैलाश पर्वत पर सोने वाले, 2. अनघ – पापरहित
63. भुजंगभूषण – साँप के आभूषण वाले, 64. भर्ग – पापों को भूंज देने वाले
65. गिरिधन्वा – मेरू पर्वत को धनुष बनाने वाले, 66. गिरिप्रिय – पर्वत प्रेमी , 67. कृत्तिवासा – गजचर्म पहनने वाले
68. पुराराति – पुरों का नाश करने वाले, 69. भगवान् – सर्वसमर्थ षड्ऐश्वर्य संपन्न,
70. प्रमथाधिप – प्रमथगणों के अधिपति, 71. मृत्युंजय – मृत्यु को जीतने वाले, 2. सूक्ष्मतनु – सूक्ष्म शरीर वाले
73. जगद्व्यापी – जगत् में व्याप्त होकर रहने वाले, 74. जगद्गुरू – जगत् के गुरू, 75. व्योमकेश – आकाश रूपी बाल वाले
76. महासेनजनक – कार्तिकेय के पिता ,77. चारुविक्रम – सुन्दर पराक्रम वाले, 8. रूद्र – भक्तों के दुख देखकर रोने वाले
79. भूतपति – भूतप्रेत या पंचभूतों के स्वामी, 80. स्थाणु – स्पंदन रहित कूटस्थ रूप वाले,
73. जगद्व्यापी – जगत् में व्याप्त होकर रहने वाले, 74. जगद्गुरू – जगत् के गुरू, 75. व्योमकेश – आकाश रूपी बाल वाले
76. महासेनजनक – कार्तिकेय के पिता ,77. चारुविक्रम – सुन्दर पराक्रम वाले, 8. रूद्र – भक्तों के दुख देखकर रोने वाले
79. भूतपति – भूतप्रेत या पंचभूतों के स्वामी, 80. स्थाणु – स्पंदन रहित कूटस्थ रूप वाले,
81. अहिर्बुध्न्य – कुण्डलिनी को धारण करने वाले, 82. दिगम्बर – नग्न, आकाशरूपी वस्त्र वाले,
83. अष्टमूर्ति – आठ रूप वाले, 84. अनेकात्मा – अनेक रूप धारण करने वाले, 85. सात्त्विक – सत्व गुण वाले
86. शुद्धविग्रह – शुद्धमूर्ति वाले, 87. शाश्वत – नित्य रहने वाले,88. खण्डपरशु – टूटा हुआ फरसा धारण करने वाले
89. अज – जन्म रहित, 90. पाशविमोचन – बंधन से छुड़ाने वाले, 91. मृड – सुखस्वरूप वाले ,
92. पशुपति – पशुओं के मालिक, 93. देव – स्वयं प्रकाश रूप, 94. महादेव – देवों के भी देव,
95. अव्यय – खर्च होने पर भी न घटने वाले, 96. हरि – विष्णुस्वरूप,
97. पूषदन्तभित् – पूषा के दांत उखाड़ने वाले
98. अव्यग्र – कभी भी व्यथित न होने वाले, 99. दक्षाध्वरहर – दक्ष के यज्ञ को नष्ट करने वाले
98. अव्यग्र – कभी भी व्यथित न होने वाले, 99. दक्षाध्वरहर – दक्ष के यज्ञ को नष्ट करने वाले
100. हर – पापों व तापों को हरने वाले, 101. भगनेत्रभिद् – भग देवता की आंख फोड़ने वाले
102. अव्यक्त – इंद्रियों के सामने प्रकट न होने वाले, 103. सहस्राक्ष – अनंत आँख वाले, 104. सहस्रपाद – अनंत पैर वाले
105. अपवर्गप्रद – कैवल्य मोक्ष देने वाले, 106. अनंत – देशकालवस्तुरूपी परिछेद से रहित
107. तारक – सबको तारने वाला,
108. परमेश्वर – सबसे परे ईश्वर
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