Skip to main content

क्रिसमस - 2015



क्रिसमस - 2015


क्रिसमस संपूर्ण विश्व का एक महत्वपूर्ण त्योहार है. क्रिसमस सभी राष्ट्रों एवं महाद्वीपों में मनाया जाता है. क्रिसमस शांति का संदेश लाता है. ईसा के बारह शिष्यों में से एक, संत योमस, ईस्वी वर्ष बावन में दक्षिण भारत आए थे. उन्होंने दक्षिण भारत के कुछ प्राचीन राजाओं के महल में भी कार्य किए थे. अपने कामों के साथ-साथ योमस ईसा के सुसमाचार का प्रचार भी करते थे. इनसे प्रभावित होकर कुछ ब्राह्मणों ने ईसाई धर्म ग्रहण किया. इसी कारण दक्षिण भारत में कई पुराने गिरजाघर देखने को मिलते हैं.




 शांति एवं सद्भावना ईसाई धर्म के बुनियादी आदर्श हैं. क्रिसमस पर सबसे अधिक महत्व रखने वाला सांता क्लॉज और क्रिसमस ट्री लोगों में आकर्षण का केंद्र  है. क्रिसमस का त्योहार जैसे-जैसे नजदीक आता जाता है, वैसे-वैसे दुनिया भर के लोगों में इसे लेकर उत्साह बढ़ता जाता है. इस त्योहार पर सबके चहेते सांता क्लॉज बच्चों को उनके मनपसंद तोहफे देकर लुभाते हैं और लोग अपने मित्रों और परिजनों को कार्ड अथवा कोई सौगात देकर उन तक अपनी शुभकामनाएं पहुंचाते हैं. क्रिसमस कार्ड डे के रूप में कार्ड लेने और देने के इस प्रचलन के कारण हर साल नौ दिसंबर को मनाया जाता है. बुल फाइट के लिए प्रसिद्ध स्पेन में क्रिसमस के दिन गाय को भी आदर देकर पूजा जाता है क्योंकि यीशू के जन्म के समय आखिर गौशाला में गाय ने भी यीशू को संरक्षण दिया था और अपनी सांसों के जरिए बच्चे को गर्माहट देने में भी मदद की थी. क्रिसमस ईसाइयों का प्रमुख त्योहार है  


ईसाई समुदाय के लिए इस त्योहार का वही महत्व है जो हिंदुओं के लिए दशहरा तथा दीपावली का है यह त्योहार विश्वभर में फैले ईसा मसीह के करोड़ों अनुयायियों के लिए पवित्रता का संदेश लाता है तथा उनके बताए हुए मार्गों उच्च आदर्शों पर चलने हेतु प्रेरित करता है क्रिसमस का त्योहार प्रतिवर्ष अंग्रेजी महीने के अनुसार दिसंबर की 25 तारीख को मनाया जाता है क्योंकि प्रभु ईसा मसीह का जन्म इसी शुभ तिथि में हुआ था ईसा मसीह ऊँच-नीच के भेदभाव को नहीं मानते थे अतः क्रिसमस का पावन पर्व भी किसी एक का नहीं अपितु उन सभी का है जो उनके समर्थक हैं तथा उन पर आस्था रखते हैं इस त्योहार के कई दिनों पूर्व ही लोगों में उत्साह और उल्लास की झलक देखने को मिल जाती है  


इस पावन दिन के अवसर पर सभी अपने घरों को नाना प्रकार के पुष्पों झालरों तस्वीरों से सजाते हैं बाजार दुकानों में चहल-पहल देखते ही बनती है इस अवसर पर ईसाई अपने घरों को बहुत ही आकर्षक ढंग से सजाते हैं और विभिन्न प्रकार के पकवान बनाकर पड़ोसियों को भेंट करते हैं तथा खुद भी खाते हैं बच्चों के लिए शांताक्लाज कोई कोई उपहार अवश्य लाता है क्योंकि ईसा मसीह स्वयं बच्चों से बहुत स्नेह रखते थे   भारत में क्रिसमस के त्योहार का आनंद सभी समुदायों के लोग उठाने लगे हैं जिससे सामाजिक सद्भाव की अभिवृद्धि होती है  


सभी समुदायों के लोग एक-दूसरे को क्रिसमस की शुभकामनाएँ देते हैं ईसा मसीह को परमेश्वर का दूत माना जाता है वे संसार के दीन-दुखियों का दुःख दूर करने तथा ईश्वर के वास्तविक स्वरूप को दूसरों के समक्ष प्रकट करने हेतु अवतरित हुए थे प्रारंभ में उन्हें अनेक कठिनाइयाँ आईं परंतु बाद में धीरे-धीरे उनके अनुयायियों की संख्या बढ़ने लगी उन्होंने अपने उपदेशों के माध्यम से संसार में व्याप्त अंधविश्वास, अज्ञानता, दुख आदि को दूर करने का प्रयास किया











Comments

Popular posts from this blog

हस्तमुद्रा - औषधीय एवं आध्यात्मिक लाभ

हस्तमुद्रा - औषधीय एवं आध्यात्मिक लाभ योग अनुसार आसन और प्राणायाम की स्थिति को मुद्रा कहा जाता है। बंध , क्रिया और मुद्रा में आसन और प्राणायाम दोनों का ही कार्य होता है। योग में मुद्राओं को आसन और प्राणायाम से भी बढ़कर माना जाता है। आसन से शरीर की हड्डियाँ लचीली और मजबूत होती है जबकि मुद्राओं से शारीरिक और मानसिक शक्तियों का विकास होता है। मुद्राओं का संबंध शरीर के खुद काम करने वाले अंगों और स्नायुओं से है। मुद्राओं की संख्या को लेकर काफी मतभेद पाए जाते हैं। मुद्रा और दूसरे योगासनों के बारे में बताने वाला सबसे पुराना ग्रंथ घेरण्ड संहिता है। हठयोग पर आधारित इस ग्रंथ को महर्षि घेरण्ड ने लिखा था। घेरंड में 25 और हठयोग प्रदीपिका में 10 मुद्राओं का उल्लेख मिलता है , लेकिन सभी योग के ग्रंथों की मुद्राओं को मिलाकर कुल 50 से 60 हस्त मुद्राएँ हैं। मानव - सरीर अनन्त रहस्यों से भरा हुआ है । शरीर की अपनी एक मुद्रामयी भाषा है । जिसे करने स

Elephant Pearl ( Gaj Mani)

हाथी मोती ( गज मणि ) गज मणि हल्के हरे - भूरे रंग के , अंडाकार आकार का मोती , जिसकी जादुई और औषधीय  शक्ति    सर्वमान्य   है । यह हाथी मोती   एक लाख हाथियों में से एक में पाये जाने वाला मोती का एक रूप है। मोती अत्यंत दुर्लभ है और इसलिए महंगा भी है जिस किसी के पास यह होता है वह बहुत भाग्यषाली होता है इसे एक अनमोल खजाने की तरह माना गया है । इसके अलौकिक होने के प्रमाण हेतु अगर इसे साफ पानी में रखा जाए तो पानी दूधिया हो जाता है । इसी तरह अगर स्टेथोस्कोप से जांचने पर उसके दिन की धड़कन सुनी जा सकती है । अगर इसे हाथ में रखा जाता है तो थोड़ा कंपन महसूह किया जा सकता है ।   अगर गज मणि को आप नारयिल पानी में रखत हैं तो बुलबुले पैदा होने लगते हैं और पानी की मात्रा भी कम हो जाती है । चिकित्सकीय लाभ में जोड़ों के दर्द , बच्चे न पैदा होने की असमर्थता के इलाज और तनाव से राहत के

Shri Sithirman Ganesh - Ujjain

श्री स्थिरमन गणेश - उज्जैन श्री स्थिरमन गणेश   एक अति प्राचीन गणपति मंदिर जो कि उज्जैन में स्थित है । इस मंदिर एवं गणपति की विशेषता यह है कि   वे न तो दूर्वा और न ही मोदक और लडडू से प्रसन्न होते हैं उनको गुड़   की एक डली से प्रसन्न किया जाता है । गुड़ के साथ नारियल अर्पित करने से गणपति प्रसन्न हो जाते हैं और भक्तों की झोली भर   देते हैं , हर लेते हैं भक्तों का हर दुःख और साथ ही मिलती है मन को बहुत शान्ति । इस मंदिर में सुबह गणेश जी का सिंदूरी श्रंृगार कर चांदी के वक्र से सजाया जाता है ।   यहां सुबह - शाम आरती होती है जिसमें शंखों एवं घंटों की ध्वनि मन को शांत कर   देती है । इतिहास में वर्णन मिलता है कि श्री राम जब सीता और लक्ष्मण के साथ तरपन के लिए उज्जैन आये थे तो उनका मन बहुत अस्थिर हो गया तथा माता सीता ने श्रीस्थिर गणेश की स्थापन कर पूजा की तब श्री राम का मन स्थिर हुआ । कहा जाता है कि राजा व