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Showing posts from May, 2015

DWI MUKHI CHINTAMANI GANESH ( Mandsaur)

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Bade Hauman ji (Allahabad)

बड़े  हनुमान जी ( इलाहाबाद ) आम तौर पर जहां दूसरे मंदिरों मे भगवान की प्रतिमाएँ सीधी खड़ी होती हैं। वही इस मन्दिर मे लेटे हुए बजरंग बली की पूजा होती है। संगम के निकट स्थित यह एक अद्भुत एवं अपने प्रकार का अनोखा मन्दिर हैं इस मन्दिर मे हनुमान जी की लेटी हुई प्रतिमा हैं। और उनके दर्शनार्थ लोगोँ को सीढियोँ से उतर कर नीचे जाना पडता हैं। यह प्रतिमा अत्यन्त विशाल एवं भव्य हैं। पौराणिक कथाओं के मुताबिक लंका विजय के बाद भगवान् राम जब संगम स्नान कर भारद्वाज ऋषि से आशीर्वाद लेने प्रयाग आए तो उनके सबसे प्रिया भक्त हनुमान इसी जगह पर शारीरिक कष्ट से पीड़ित होकर मूर्छित हो गए। लंका विजय के बाद बजरंग बलि जब अपार कष्ट से पीड़ित होकर मरणा सन्न अवस्था मे पहुँच गए थे।   तो माँ जानकी ने इसी जगह पर उन्हे अपना सिन्दूर देकर नया जीवन और हमेशा आरोअग्य व चिरायु रहने का आशीर्वाद देते हुए कहा कि जो भी इस त्रिवेणी तट पर संगम स्नान ...

Shani Jyanti - 2015

शनि जयंती - .2015                   सोमवार 18 मई 2015 ज्येष्ठ अमावस्या के दिन शनि जयंती मनाई जाएगी इस दिन शनि देव की विशेष पूजा का विधान है । शनि देव को प्रसन्न करने के लिए मंत्रों व स्त्रौतो का गुणगान किया जाता है । शनि हिन्दू ज्योतिष में नौ मुख्य ग्रहों में से एक है शनि , अन्य ग्रहों की तुलना में धीमें चलते हैं इसलिए इन्हें शनैश्चेर भी कहा जाता है । शनि ग्रह वायु तत्व और पश्चिम दिशा के स्वामी है । शनि जयंती पर उनकी पूजा आराधना और अनुष्ठान करने से शनि देव विशिष्ट फल प्रदान करते हैं ।   शनि देव : . पुराणों और शास्त्रानुसार कश्यप मुनि के वंशज भगवान सूर्यनारायण की पत्नी स्वर्णा ( छाया ) की कठोर तपस्या से ज्येष्ठ मास की अमावस्या को सौराष्ट के शिंगणापुर में शनि का जन्म हुआ। माता ने शंकर जी की कठोर तपस्या की । तेज गर्मी व धूप के कारण माता के गर्भ में स...