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Showing posts from January, 2015
कछुआ - आध्यात्मिक   महत्व देवालय में हमें कई देवताओं की मूर्ति के सामने स्थापित पत्थर या धातु से बने एक कछुआ की एक मूर्ति दिखती है । ऐसे मंदिर में देवता के दर्षन का अधिकतम लाभ लेने के लिए हमें इस तरह खड़ा होना चाहिए की देवता की मूर्ति और कछुआ की मूर्ति एक काल्पनिक रेखा में हो दोनों के बीच कभी भी खड़े न हों एक बैठें । कछुआ वास्तु में और फेंगषुई में दोनों में अपना महत्व रखता है । भारतीय मंदिरों में  शिवलिंग  के सामने जमीन पर कछुआ मूर्ति देखी जा सकती है । कछुआ की दीर्ध आयु होती है इसलिए इसे वास्तु में लंबे जीवन को  दर्शाता   है । कछुआ मिटटी , धातु या लकड़ी का बना कर घर पर रखा जा सकता है । मिटटी से बने कछुए को उत्तर पूर्व , कंेद्र या दक्षिण  पश्चिम   में रखना चाहिए । धातुओं से बने कछुए को उत्तर  पश्चिम  और उत्तर  पश्चिम  में रखा जाता है । क्रिस्टल से बने कछुए की मूर्ति ...

MAHASHIVRATRI - HINDU FESTIVAL

महाशिवरात्रि - हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्यौहार   महाशिवरात्रि हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है। यह हर साल फाल्गुन माह में 13 वीं रात या 14 वें दिन मनाया जाता है। इस त्योहार में श्रद्धालु पूरी रात जागकर भगवान शिव की आराधना में भजन गाते हैं। कुछ लोग पूरे दिन और रात उपवास भी करते हैं। शिव लिंग को पानी और बेलपत्र चढ़ाने के बाद ही वे अपना उपवास तोड़ते हैं।   अविवाहित महिलाएं भगवान शिव से प्रार्थना करती हैं कि उन्हें उनके जैसा ही पति मिले। वहीं विवाहित महिलाएं अपने पति और परिवार के लिए मंगल कामना करती हैं।   समुद्र मंथन पौराणिक कथा सभी पौराणिक कथाओं में नीलकंठ की कहानी सबसे ज्यादा चर्चित है। ऐसी मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन ही समुद्र मंथन के दौरान कालकेतु विष निकला था। भगवान शिव ने संपूर्ण ब्राह्मांड की रक्षा के लिए स्वंय ही सारा विष पी लिया था। इससे उनका गला नीला पड़ गया और उन्हें नीलकंठ के नाम से जाना ...